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Patrika (Índia)

Study : लिवर, आंत तथा दूसरे अंगों के आसपास के मोटापे से कोरोना का खतरा और भी ज्यादा (59 notícias)

Publicado em 07 de dezembro de 2022

चेतावनी : अमरीकी शोधकर्ताओं ने बताया कमजोर इम्यून सिस्टम का कारण

वॉशिंगटन. त्वचा के नीचे के मोटापे के मुकाबले लिवर, आंत और शरीर के दूसरे अंगों के आसपास के मोटापे से कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है। वैज्ञानिकों के नए शोध में यह जानकारी सामने आई है। अंगों के आसपास के मोटापे से हृदय संबंधी बीमारियों, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का भी खतरा रहता है।
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ कैंपिनास (State University of Campinas) और साउ पाउलो यूनिवर्सिटी (University of Sao Paulo) के शोधकर्ताओं का कहना है कि अंगों के आसपास का मोटापा भारी मात्रा में साइटोकिन बनाता है। इससे प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) (Immune system) कमजोर होता है। कई कोरोना रोगी पहले खुद को बेहतर महसूस करते हैं, लेकिन बाद में उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। उनका शरीर वायरस के मुताबिक ही रिएक्ट करता है। इसे साइटोकिन स्टॉर्म कहा जाता है। साइटोकिन स्टॉर्म को रोका जाना कोरोना मरीज के लिए प्रभावशाली है।

घातक स्तर पर
इंग्लैंड में जब कोरोना के केस बढ़ने के बाद मरीजों के लिए वेंटिलेटर्स की जरूरत पड़ रही थी, तब ब्रिटेन के जन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि जो लोग मोटापे से ग्रसित हैं, उनमें कोरोना के लक्षण अन्य मरीजों के मुकाबले घातक स्तर पर देखे गए। ऐसे लोगों को संक्रमण के बाद जान का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा दर्ज किया गया।

वजन पर नियंत्रण रखने के फायदे
शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापा और बढ़ा हुआ वजन कोरोना संक्रमण पर जानलेवा साबित हो सकता है। वजन को नियंत्रित रखना सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी है। यह कोविड-19 के संक्रमण के दौरान घातक खतरों से भी बचाता है।